कंप्यूटर में BIOS क्या होता है – What is BIOS with Full Information?

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दोस्तों आज का मॉडर्न युग कंप्यूटर डिवाइस और टेक्नोलॉजी का युग है. अगर हम चारो तरफ नज़र दौड़ा कर देखेंगे तो हम पाएंगे की आज के जीवन में लगभग सभी क्षेत्रो में कंप्यूटर का प्रवेश हो गया है. बैंक, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, पोस्ट ऑफिस, इंडस्ट्रीज, बिज़नेस, कैलकुलेशन, रुपय किनने की मशीन सभी जगहों पर कंप्यूटर का उपयोग होता है।

इंजीनियर से लेकर डॉक्टर, स्टूडेंट्स, टीचर्स, गवर्नमेंट आर्गेनाइजेशन, ये सभी कंप्यूटर का इस्तेमाल एंटरटेनमेंट के लिए या सिर्फ ऑफिस का काम ख़तम करने के लिए करते हैं. आज के टाइम में कंप्यूटर तथा लैपटॉप और इंटरनेट के बिना रह पाना बहुत मुश्किल है. इसलिए दोस्तों आज के समय में कंप्यूटर का एक बहुत बड़ा महत्वा बन चूका है हमारे जीवन में।

इसने मानव जीवन को सुविधा, सरलता, अर्थ वेवेस्ता और सटीकता प्रदान की है। जैसे मनुष्य की दिन की सुरुवात कंप्यूटर के बिना नहीं होती उसी तरह कंप्यूटर में एक BIOS नाम का सॉफ्टवेयर होता है जिसके बिना कंप्यूटर का चलना बहुत मुश्किल है या फिर चल ही नहीं सकता।

दोस्तों अगर आप कंप्यूटर क्षेत्र के छात्र हैं या पहले कभी अपने पढाई की है तो दोस्तों इससे पहले इस सॉफ्टवेयर बारे में जरूर सुना होगा। और दोस्तों आपने ये भी देखा की आपको यह आपके स्कूल या फिर कॉलेज में पहले पढ़ाया या इसके बारे में बताया गया होगा। इस आर्टिकल में हम आपको BIOS क्या है और इसके बिना कंप्यूटर क्यों नहीं चल सकता, इससे जुड़े सभी चीज़ो के बारे में जानकारी देने वाले हैं इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पूरा जरूर पढ़ें।

Bios Kya Hota Hai

BIOS क्या होता है? | What is BIOS with Full Information?

दोस्तों आइये सबसे पहले पहले जानते हैं की BIOS क्या होता है? दोस्तों जब भी आप कंप्यूटर को चालू करते हैं उस वक़्त अपने देखा होगा की डिस्प्ले पर एक पहली स्क्रीन आती है दोस्तों उसी को BIOS कहते हैं. दोस्तों अगर BIOS का फुल फॉर्म या फिर इसके पुरे नाम की बात करें तो इसका फुल फॉर्म या पूरा नाम Basic Input Output System होता है. ये मदरबोर्ड के साथ जुड़ा सॉफ्टवेयर या फर्मवेयर होता है। जो आपके कंप्यूटर सिस्टम को चलने में मदद करता है।

दोस्तों ये आपके कंप्यूटर का एक बहुत इम्पोर्टेन्ट हिस्सा है और जब भी आप अपने कंप्यूटर को ऑन कहते हैं तो सबसे पहले यही सॉफ्टवेयर उपयोग में आता है. दोस्तों अगर ये बय चांस कभी ख़राब हो जाए तो कंप्यूटर स्टार्ट ही नहीं हो पायेगा। दोस्तों कंप्यूटर चालू करने के थोड़े समय बाद ऑपरेटिंग सिस्टम लोड होना सुरु हो जाता है उस समय BIOS एक टेस्ट करता है जिसका नाम है Power on Self Test जिसका मतलब POST होता है जो होना सुरु हो जाता है. ये सुनिश्चित करने के लिए की कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर जैसे रेम, प्रोसेसर, कीबोर्ड , माउस , हार्डड्राइव , Usb पोर्ट , साउंड कार्ड , वीडियो कार्ड आदि सभी उपकरण सही से काम कर भी रहे हैं या फिर नहीं।

दोस्तों एक बार चेक कर लेने के बाद की ये सही हैं या नहीं उसके बाद ये सबको कॉन्फ़िगर करने  में लग जाता है और फिर कंप्यूटर के मेमोरी में ऑपरेटिंग सीसैटेम को लोड करा दिया जाता है. और हमारा कंप्यूटर इसके बाद बिना कोई दिक्कत के स्टार्ट हो जाता है. जिसके बाद हम कोई भी प्रग्रमम या सॉफ्टवेयर आसानी से रन कर सकते हैं.दोस्तों सेल्फ टेस्ट के दौरान  यदि किसी भी तरह का कोई समस्या आता है तो BIOS उसको ठीक करने की कोशिश करता है और इस दौरान वह कंप्यूटर को एक कोड देता है. इस तरह के कोड प्रे एक Beep के रूप में होते हैं। जो कंप्यूटर को चालू करते समय सुनाई देते हैं फिर कंप्यूटर ऑटोमेटिकली इसको सुधर कर स्टार्ट हो जाता है।

Bios Computer कहा रहता है?

Bios हमारे कंप्यूटर के रोम मेमोरी में रहता है और कंप्यूटर के सभी हार्डवरे को पहचानता है ये मुख्या रूप से कंप्यूटर के ऑपरेटिग सिस्टम को boot करने का काम  करता है. Bios हर कंप्यूटर में पहले से ही इनस्टॉल रहता है. क्युकी cpu में बाकि सभी प्रोग्राम Bios के बाद ही इनस्टॉल होता है।

ये कंप्यूटर की नॉन वोलेटाइल मेमोरी यानि रोम के अंदर इनस्टॉल रहता है. जो की हमारे कंप्यूटर के मदरबोर्ड में लगी होती है इसे हम आसानी से डिलीट नहीं कर सकते हलाकि एक EEPROM यानि electronically erasable programmable read only memory टाइप की मेमोरी होती है यही जिसे electronically erase और प्रोग्राम किया जा सकता है. ताकि अगर आपको किसी कारन वर्ष भविष्य में कभी bios को अपडेट करना पड़ा तो कोई दिक्कत ना आये।

मदरबोर्ड में CMOS नामकी एक चिप होती है जिसमे bios के सभी सेटिंग्स स्टोर होते हैं CMOS का पूरा नाम Complementary metal–oxide–semiconductor होता है. और यह एक बैटरी की तरह होती है ये बायोस में स्टोर सभी सेटिंग्स को सुरक्षित रखती है और इसी के कारण कंप्यूटर बायोस बूटिंग प्रोसेस को सुरु करता है. CMOS एक छोटा सा सेल होता है इसी के कारन कंप्यूटर के date, टाइम और बाकि सभी जानकरी सेव रहती हैं।

इस बैटरी के ख़तम होने या निकल देने पर बायोस सेटिंग रिसेट हो जाती है आप सभी ने देखा होगा की कंप्यूटर ऑफ होने के बाद भी इसका टाइम और तारिक चेंज नहीं होता, ऐसा इसलिए होता है क्युकी टाइम और date का सेटिंग bios में स्टोर रहता है और वह cmos बैटरी से चलता है।

Bios के एक कंप्यूटर के अंदर क्या क्या होते हैं?

दोस्तों अब हम यहजानने वाले हैं की बायोस के मुख्या क्या क्या काम होते हैं. अब तक तोह हमने बायोस के बारे में जान लिया की ये होता क्या है ये तो मैने पहले ही बतया है की bios कंप्यूटर और लैपटॉप को सुरु करने में मदद करता है अब में आपो बताऊंगा की बायोस का मुख्या काम क्या होता है।

एक जब कंप्यूटर स्टार्ट होता है तो बायोस सबसे पहले cmos के सरे सेटिंग्स को लोड करता है ताकि साडी चीजे ठीक से काम कर सके।

दूसरा – उसके बाद बायोस डिवाइस ड्राइवर्स लोड करता है और ऑपरेटिंग सिस्टम और कनेक्टेड द्डिवाइस के बिच ब्रिज का काम करता है ताकि सभी हार्डवेयर डिवाइस सॉफ्टवेयर के साथ सही से वर्क कर सकें।

तीसरा उसके बाद बायोस हमारे cpu के सरे रेगिस्टर् को ठीक तरह से initialized करता है यानि उपयोग होने के लिए तैयार करता है।

चौथा रजिस्टर तैयार करने के बाद बायोस सरे हार्डवेयर डिवाइस के बाद जैसे की कीबोर्ड, माउस आदि को टेस्ट करता है. इस प्रोसेस को Post यानि Power on Self Test कहते हैं।

पांचवा उसके बाद बायोस एक bootable माध्यम ढूंढता है और फिर उसी माध्यम को रीड कर के जरुरी फाइल्स को रेम में लोड करता है और इसके बाद ही हमारा कंप्यूटर सुरु हो पता है जिसके बाद आपको आपके कंप्यूटर का डेस्कटॉप दिखाई देता है।

Conclusion

दोस्तों हम आशा करते हैं की इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के बाद बायोस क्या है और यह कैसे काम करता है इससे जुडी सारी जानकारी आपको मिल गयी होगी। दोस्तों हमरी यही कोशिश रहती है की आपके दिए गए टॉपिक पर पूरी जानकारी डी सकें ताकि आपको कही और जाना ना पड़ें।

इस आर्टिकल से जुडी कोई भी दिक्कत हो तो आप हमें कमेंट कर के बता सकते हैं हम उसका उत्तर जरूर देंगे ताकि हम आपकी परिशानी को जल्द से जल्द दूर कर सके. दोस्तों ऐसे और जानकारियों के नोटिफिकेशन के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और इसको अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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